वुअसते - बेकराँ में
आसमानों के राज हो जाएँ
शब्दो-नाशाद हर तरह के है लोग
किस पे हँस जाएँ किस पॅ रो जाएँ
राह में आने वाली नस्लों के
ख़ैर कांटे तो हम न बो जाएँ
क्या अजव तेरे तर-दामन
सबके दाग़े-गुनाह धो जायें
ज़िन्दगी क्या है आज इसे ऐ दोस्त
सोच लें और उदास हो जाएँ